हिंदू धर्म में कुल चार बार नवरात्रि का त्योहार आता है। जिनमें से दो सामान्य नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होते है। इसमें से सामान्य नवरात्रि को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। वहीं गुप्त नवरात्रि का भी उतना ही महत्व है लेकिन इन्हें कुछ ही लोग मनाते हैं। गुप्त नवरात्रि को लेकर मान्यता है कि इन्हें जितना गुप्त रखा जाता है मां भगवती उतनी ही प्रसन्न होती हैं। और साथ ही गुप्त नवरात्रि में सिद्धि प्राप्ति के लिये तांत्रिक पूजा भी की जाती है।
गुप्त नवरात्र 2023 में कब से हैं?
इस साल गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 19 जून से हो रही है, और इसका समापन 28 जून 2023 को होगा। गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है।
देवी की पूजा का महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार चैत्र और अश्विन नवरात्रि में जहां शक्ति के 09 पावन स्वरूपों की पूजा का विधान है, वहीं गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा के 10 दिव्य स्वरूप यानि मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला की पूजा की जाती है। शक्ति की साधना में इन सभी 10 महाविद्या की पूजा का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में इन देवियों की गुप्त रूप से साधना करने पर साधक की बड़ी से बड़ी मनोकामना भी जल्दी ही पूरी होती है।
إرسال تعليق
Please do not add any SPAM links or unrelated text in comments.