हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 4 बार नवरात्रे आते है। इससे पहले नवरात्रि चैत्र की नवरात्रि होती है, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से ही हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है। इस साल 22 मार्च यानि बुधवार के दिन से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है, जो कि 30 मार्च यानी गुरुवार तक चलेगी। इस बार 110 साल बाद ऐसी शुभ संयोगों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दुर्लभ संयोग के चलते माँ शक्ती की आराधना का ये पर्व और भी ज्यादा खास हो गया है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा का आगमन नौका पर हो रहा है। जिसे सुख समृद्धि कारक कहा जाता है। मां दुर्गा का नौका पर सवार होकर आना खुशहाली लाता है, और मनोकामनाएं पूरी करता है। इसके इलावा इन नवरात्री पर ग्रह नक्षत्रों की स्थिति बेहद खास है, जो 110 साल बाद बन रही है। नवरात्रि के दौरान शनि और गुरु अपनी स्वराशि में रहेंगे शनि कुम्भ में और गुरु मीन राशि में मौजूद रहेंगे। इसके अलावा चार महत्वपूर्ण ग्रह गोचर भी होंगें। इसके अलावा इस साल नवरात्र पूरे 9 दिन होगी यानी की नवरात्र की तिथियों में कोई घट बड नहीं हो रहा है। नवरात्रि का पूरे 9 दिन का होना भी काफी शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र प्रतिपदा तिथि 21 मार्च की रात 11:04 पर लग जाएगी इसीलिए 22 मार्च को सूर्य उदय के साथ नवरात्र की शुरुआत कलश स्थापना के साथ जाएगी।
चैत्र नवरात्र 2023 में कब से हैं?
2023 के चैत्र नवरात्रे 22 मार्च से शुरू हो रहे हैं और 30 मार्च को समाप्त होंगे। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च को सुबह 06 बजकर 29 मिनट से 07 बजकर 39 मिनट तक है।
तिथि | देवी की पूजा | तारीख |
प्रतिपदा | मां शैलपुत्री की पूजा | 22 मार्च |
द्वितीया | मां ब्रह्मचारिणी की पूजा | 23 मार्च |
तृतीया | मां चंद्रघंटा की पूजा | 24 मार्च |
चतुर्थी | मां कुष्मांडा की पूजा | 25 मार्च |
पंचमी | मां स्कंद माता की पूजा | 26 मार्च |
षष्ठी | मां कात्यायनी की पूजा | 27 मार्च |
सप्तमी | मां कालरात्रि की पूजा | 28 मार्च |
अष्टमी | मां महागौरी की पूजा | 29 मार्च |
नवमी | मां सिद्धिदात्री की पूजा | 30 मार्च |
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